सुनो एक जंगल है मेरे अंदर , वहां जाता हूं तो सब भूल जाता हूं। अब अंधेरे का अभ्यस्त हो गया हूं। रोशनी में जाता हूं तो डर जाता हूं। उनको भी ऐतराज है…
Read more"रिश्तों की चुप्पी और मेरी कविता" भूमिका: ज़िंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो बिना किसी शोर के आते हैं, और बिना किसी अलविदा के चले ज…
Read moreChal Thora Baith Mai tere Sath hu कोई फरिश्ता को बुलाया जाए। मेरे माथे पर पट्टी लगाया जाए। फरिश्ता की तलाश और बढ़ता बुखार--- कोई फरिश्ता हो जो बु…
Read moreबुखार, बिस्तर और बॉलीवुड: एक बीमार कलाकार की डायरी Bukhar, Bichhavan aur Bollywood: Ek Beemar Kalakar ki Diary आज का एजेंडा? घरवालों का एक ही नार…
Read more📱 डिजिटल डिस्कनेक्ट ऑनलाइन स्टेटस देखा, पर कोई “टाइपिंग…” नहीं। था मेरा मैसेज बॉक्स खाली का खाली, दिल ने खुद को “log out” कर …
Read moreSach Kahne se darta hu सुबह से शाम तक समझौते पर जीते- जीते हुए मै थक जाता हूं। अपना दर्द नहीं बता पाता हूं तो, तस्वीरों में बस मुस्कुरा देता हूं…
Read moreकुछ लिखता हूं फिर उसे मिटाता हूं। तुमको नहीं मैं खुद को आजमाता हूं। सोचता हूं आखिर ऐसा क्यों कर हुआ? तेरे आगोश से निकल, मैं क्या रह गया? तन्हाई की …
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