कविता : द्रौपदी और कृष्ण संवाद अठारह दिन का युद्ध विध्वंस, हस्तिनापुर की रक्तरंजित धरती। द्रौपदी की देह और आत्मा, बोझिल मन को भी थका गया। विधवा…
Read moreमेरा थर्ड आई चक्र का अनुभव आज के ध्यान सत्र में थर्ड आई चक्र पर विशेष अभ्यास हुआ। सर ने कई व्यायाम करवाने के बाद हमें अपने ध्यान भौंहों के बीच केंद…
Read moreराहें जुदा हों तो इश्क़ अधूरा है तू चाहत रखता है — मेरी ज़िंदगी तेरे इशारों पे चले, रंग वो पहनूँ जो तुझे भाए, पर क्या कभी तूने सोचा, कि मेरी …
Read moreInsan ko Bhagwan na banaya jaye (1) निर्वसन जिस्म उसका बोझ से झूका था, इल्ज़ाम मयकशी की थी, वह ना नशे में था। आदतें मयकशी की आसानी से जाती नहीं है। द…
Read moreइक बात बताओ कान्हा--🙏 सबको समझूं मैं, मुझे ना समझे कोई। यह वरदान दिया है या श्राप दिया है तू ? सबको भूलने लगी हूं। कान्हा--🙏 यह अल्जाइमर की शुरुआ…
Read moreजीवन की काव्यात्मक अभिव्यक्ति आंखें दीप बन, दिखाती जग का रंग, देखा जो आंखों से वही बनता है जीवन का ढंग। दृष्टि से ही जन्मते रहते सदा विचारों के …
Read moreHamara vision hi hamara destiny ka nirnayak hai अध्यात्म की तरफ जीवात्मा और उसके कर्म 🤔 आंखों से 83% कर्म कान से 14% कर्म सभी इन्द्रियों को मिलाकर…
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