Khirkiya kholo tazi hawa aaye चुप्पी को तुमने अंत मैंने विराम माना। रिश्ते दूर रह कर भी ठहराव लाते हैं। शायद चुप्पी कोई नई रोशनी लेकर आए। खामोश मिट…
Read moreNajuk samjhana teri bhul hai ऐ ज़िंदगी, तू जंग है तो, तेरा जंग मुझे कुबूल है। फूल-सा नाज़ुक समझना, मुझको यह तेरी भूल है। है हौसला फौलाद मेरा, जिस…
Read moreJane kausa karz hai chukane aate ho जाने क्या बात है...कलम उठाने से पहले, नज़र में बस तेरी ही छवि उभरती है। ऐसा भी नहीं की... मैं बस तुमको सोचता हूं।…
Read moreKhamoshi bhi sukun deti hai नज़रें मिलीं, जैसे दो पुराने मुसाफिर। एक ही मोड़ पर फिर से टकरा गए हों। चलने की वजहें अब बदल चुकी थीं, मन का रास्…
Read more` तेरी यादों की चादर ओढ़ ली मैंने शहर का एक कोना था, दीयों से रोशन, मुशायरे की वो रात — जैसे जज़्बातों की बारिश। माहौल सजा था ग़ज़लों से, हर…
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