आत्मिक प्रेम मिले और मैं लीन हो जाऊं ना जाने कितनी बातें करनी थी तुमसे। जो शायद अब कभी ना कर पाउंगी। रहूंगी यहीं पर तुमको आवाज ना दे पाऊंगी। कुछ टूट…
Read moreTum mere pass raho nayeno ki talab hai नाम या कोई रिश्ते की दरकार नहीं। एक अहसास काफ़ी है ज़ीने के लिए। तुम मेरे पास रहो नयनों की तलब है। मेरे रू…
Read moreअंतर्मन से जाने क्या कुछ खिसक गया शौक ए मंजिल की तरफ़ क़दम बढ़ाते गए। रास्ते में पड़े पत्थर को हमसफर बनाते गए। खाकर ठोकरे कभी फिसले कभी संभलते गए।…
Read moreसोचती हूं तुमको क्या लिखूं 🤔 सोचती हूं तुमको क्या कहूं। सूरज सी उजली धूप हो तुम। चहुं ओर फैला प्रकाश लिखूं। तुम लगते हो दीप मंदिर जैसे। मृगतृष्णा …
Read moreजिस कंधे पर सर रख दुनिया भूला सको जिंदगी है, जीने दो मुझे मेरे हिसाब से। मरने पर जला लेना तू अपने हिसाब से। रिश्तों को बचाने हेतु चुपचाप सहना हो। स्…
Read moreअंत को अंततः बना डाला आत्मसम्मान को गिरवी रखा अनमोल अमूल्य धरोहर मान उपहार जुटा रखा। मैंने अपने जीवन का जिसको आधार बना रखा। बस कुछ शब्द…
Read moreएक पुरानी कहानी सुनी-सुनाई चार दोस्त—एक हिंदू, एक मुस्लिम, एक सिख, और एक ईसाई—सफ़र पर निकले थे। रास्ते में उन्हें एक विशाल और भयंकर नदी मिली, …
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